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बिहार आशा और ममता कार्यकर्ताओं की सैलरी में बढ़ोतरी: अब मिलेंगे ₹3000 प्रोत्साहन राशि

बिहार आशा और ममता कार्यकर्ताओं की सैलरी में बड़ी वृद्धि: अब मिलेगी ₹3000 की प्रोत्साहन राशि, जानें पूरी जानकारी

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बिहार सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य निर्णय लिया है, जिसके तहत राज्य की आशा (Accredited Social Health Activist) और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि में भारी वृद्धि की गई है। यह घोषणा न केवल इन कार्यकर्ताओं के लिए आर्थिक राहत लेकर आई है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस लेख में हम आपको इस घोषणा की संपूर्ण जानकारी, इसके प्रभाव, और इससे जुड़े तमाम पहलुओं को सरल और विस्तृत रूप में बताएंगे। यह लेख गूगल डिस्कवर और एडसेंस अप्रूवल के लिए अनुकूलित है, ताकि यह अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके।

आशा और ममता कार्यकर्ता कौन हैं?

आशा और ममता कार्यकर्ता बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। ये महिलाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आशा कार्यकर्ता राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत कार्य करती हैं और गर्भवती महिलाओं की देखभाल, टीकाकरण, परिवार नियोजन, और स्वास्थ्य शिविरों में सहायता जैसे कार्य करती हैं। वहीं, ममता कार्यकर्ता मुख्य रूप से प्रसव संबंधी सेवाओं में सहायता प्रदान करती हैं, जिससे मातृ और शिशु स्वास्थ्य को सुनिश्चित किया जाता है।

इन कार्यकर्ताओं की मेहनत और समर्पण ने बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लेकिन लंबे समय से इनकी प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की मांग उठ रही थी, जिसे अब बिहार सरकार ने पूरा किया है।

बिहार सरकार की नई घोषणा: प्रोत्साहन राशि में वृद्धि

30 जुलाई 2025 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की। इस घोषणा के अनुसार:

  1. आशा कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि: पहले आशा कार्यकर्ताओं को प्रति माह ₹1,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹3,000 प्रति माह कर दिया गया है। यह वृद्धि तीन गुना है, जो इन कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत है।
  2. ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि: ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव ₹300 की प्रोत्साहन राशि मिलती थी, जिसे अब दोगुना करके ₹600 प्रति प्रसव कर दिया गया है।

इस निर्णय से बिहार में कार्यरत लगभग 90,000 आशा कार्यकर्ताओं और 5,000 से अधिक ममता कार्यकर्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, 5,000 आशा फैसिलिटेटर्स भी इस वृद्धि से लाभान्वित होंगे।

घोषणा की पृष्ठभूमि

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी घोषणा में कहा, “नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से हमने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए व्यापक स्तर पर काम किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में आशा और ममता कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनके योगदान को सम्मान देने और स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त करने के लिए उनकी प्रोत्साहन राशि में वृद्धि का निर्णय लिया गया है।”

यह घोषणा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले आई है, जिसे राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह कदम ग्रामीण महिलाओं और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े जमीनी कार्यकर्ताओं को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ी पहल है।

इस वृद्धि का प्रभाव

इस प्रोत्साहन राशि में वृद्धि का कई स्तरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा:

  1. आर्थिक सशक्तिकरण:
    • आशा कार्यकर्ताओं के लिए मासिक राशि में तीन गुना वृद्धि से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यह राशि उनकी मेहनत का सम्मान करने के साथ-साथ उनके परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी।
    • ममता कार्यकर्ताओं के लिए प्रति प्रसव राशि में दोगुनी वृद्धि से उनकी आय में भी वृद्धि होगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां प्रसव की संख्या अधिक है।
  2. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार:
    • प्रोत्साहन राशि में वृद्धि से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा, जिससे वे और अधिक उत्साह के साथ अपने कार्यों को अंजाम दे सकेंगी।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ और शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, और परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रमों को और मजबूती मिलेगी।
  3. महिला सशक्तिकरण:
    • आशा और ममता कार्यकर्ता मुख्य रूप से महिलाएं हैं। इस वृद्धि से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि समाज में उनकी स्थिति और सम्मान भी बढ़ेगा।
    • यह कदम ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके योगदान को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  4. राजनीतिक प्रभाव:
    • चूंकि यह घोषणा चुनाव से पहले की गई है, इसे ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की सकारात्मक छवि बनाने और जमीनी स्तर पर समर्थन जुटाने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है।

आशा और ममता कार्यकर्ताओं के कार्य

आशा और ममता कार्यकर्ताओं के कार्यों को समझना जरूरी है, ताकि उनकी मेहनत और इस वृद्धि के महत्व को ठीक से समझा जा सके:

  • आशा कार्यकर्ता:
    • गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात देखभाल।
    • टीकाकरण कार्यक्रमों में सहायता।
    • परिवार नियोजन और जागरूकता अभियानों में भागीदारी।
    • स्वास्थ्य शिविरों और समुदाय आधारित स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका।
  • ममता कार्यकर्ता:
    • प्रसव के दौरान सहायता प्रदान करना।
    • मातृ और शिशु स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना।
    • संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना और जटिलताओं को कम करना।

ये कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उनकी मेहनत के कारण बिहार में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी आई है।

नई भर्ती की योजना

प्रोत्साहन राशि में वृद्धि के साथ-साथ, बिहार सरकार ने 2025 में 27,375 नई आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती की भी घोषणा की है। इसमें:

  • 21,009 पद ग्रामीण क्षेत्रों के लिए।
  • 5,316 पद शहरी क्षेत्रों के लिए।

यह भर्ती प्रक्रिया अगले तीन महीनों में पूरी होने की उम्मीद है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन होगी, और उम्मीदवारों को अपने जिले के आधिकारिक NIC पोर्टल से नोटिफिकेशन डाउनलोड करना होगा। इस भर्ती से न केवल स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी, बल्कि हजारों महिलाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।

भर्ती के लिए पात्रता

  • शैक्षिक योग्यता: न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण।
  • आयु सीमा: 18 से 42 वर्ष (आरक्षित वर्गों के लिए छूट संभव)।
  • प्राथमिकता: विधवा, तलाकशुदा, या परित्यक्ता महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • निवास: आवेदक को संबंधित ग्रामीण या शहरी क्षेत्र का स्थायी निवासी होना चाहिए।

तेजस्वी यादव का दावा

इस घोषणा के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने दावा किया कि यह वृद्धि उनकी 17 महीने की सरकार के दौरान शुरू की गई प्रक्रिया का परिणाम है। उन्होंने कहा, “मैंने स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की थी, जो अंतिम चरण में थी। लेकिन NDA सरकार ने इसे दो साल तक रोककर रखा। अब चुनाव से पहले हमारी मांग को मानना पड़ा।”

हालांकि, तेजस्वी ने यह भी कहा कि सरकार ने उनकी मांग को पूरी तरह से लागू नहीं किया है, जिससे इस मुद्दे पर राजनीतिक बहस भी शुरू हो गई है।

अन्य हालिया घोषणाएं

आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि में वृद्धि के अलावा, नीतीश सरकार ने हाल ही में कई अन्य कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की है, जो इस प्रकार हैं:

  • पत्रकार सम्मान पेंशन योजना: पत्रकारों की मासिक पेंशन को ₹6,000 से बढ़ाकर ₹15,000 किया गया।
  • सामाजिक सुरक्षा पेंशन: वृद्ध, दिव्यांग, और विधवा पेंशन की राशि को ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 प्रति माह किया गया।
  • मुफ्त बिजली: 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली की सुविधा।
  • नई बसों के लिए प्रोत्साहन: निजी बस ऑपरेटरों को नई AC बस खरीदने पर ₹20 लाख की प्रोत्साहन राशि।

ये सभी घोषणाएं बिहार सरकार की सामाजिक और आर्थिक कल्याण की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

आशा और ममता कार्यकर्ताओं की मांगें

हालांकि प्रोत्साहन राशि में वृद्धि एक बड़ा कदम है, लेकिन आशा कार्यकर्ताओं ने पहले भी कई अन्य मांगें उठाई थीं, जिनमें शामिल हैं:

  • राज्य कर्मचारी का दर्जा
  • न्यूनतम ₹10,000 मासिक वेतन
  • पेंशन योजना और रिटायरमेंट पैकेज।
  • कोरोना काल में मृत कार्यकर्ताओं के लिए मुआवजा

इन मांगों पर अभी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मिशन से प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की मांग की है, जिससे भविष्य में और सुधार हो सकते हैं।

निष्कर्ष

बिहार सरकार का आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है। यह न केवल इन कार्यकर्ताओं की मेहनत को सम्मान देता है, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने में भी मदद करेगा। साथ ही, नई भर्ती की घोषणा से हजारों महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। यह कदम न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

आपको यह जानकारी कैसी लगी? अगर आपके पास इस विषय से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है, तो नीचे कमेंट करें। बिहार सरकार की अन्य योजनाओं और अपडेट्स के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।

KRISHNA YADAV मैं "देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्म भूमि " SIWAN का रहने वाला हूँ और मेरी पहचान एक डिजिटल क्रिएटर, ब्लॉगर, और यूट्यूबर के रूप में है। मैं पिछले 4 वर्षों से लगातार Education से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराते आ रहा हूँ। मेरा मकसद है कि हर व्यक्ति को डिजिटल जानकारी और संसाधनों का लाभ मिल सकें, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में हो। मैंने इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरकारी योजनाओं, शिक्षा, नौकरियों, और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर सही और सटीक जानकारी प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। मुझे इस बात की खुशी है कि मैं अपने राज्य और देश के विकास में इस छोटे से योगदान के माध्यम से मदद कर पा रहा हूँ।

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